Top latest Five Shodashi Urban news
Wiki Article
The day is noticed with wonderful reverence, as followers stop by temples, give prayers, and participate in communal worship events like darshans and jagratas.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
The reverence for Goddess Tripura Sundari is obvious in how her mythology intertwines Using the spiritual and social fabric, supplying profound insights into the nature of existence and The trail to enlightenment.
॥ click here अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि